आमा तिहार

बस्तर का आमा तिहार ......! ये आम देखकर कई लोगों का मन इसे खाने के लिये ललचा रहा होगा। आप सभी इन कच्चे हरे आम,को काटकर नमक मिर्ची लगाकर खाने के लिये मन ही मन सोच रहे होगें। दोस्तों आज हम बात करते है बस्तर के आमा तिहार की। बस्तर में इन दिनों नदी नालों के किनारे आम के पेड़ लगाने वाले अपने पूर्वजों को याद कर आमा तिहार मनाया जा रहा है। इस आमा तिहार द्वारा पेड़ लगाकर सदा के लिये अमर होने की बात बस्तर में अक्षरशः सिद्ध हो रही है। अपने पूर्वजों के सम्मान में आमा तिहार जैसा उत्सव आपको और कहीं भी दिखाई नहीं देगा। आमा तिहार में किसी एक आम पेड़ के नीचे सभी ग्रामीण एकत्रित होते है। उस पेड़ की पूजा करते है। फिर पहली बार उस पेड़ से आम तोड़े जाते है। वहीं पूजा स्थल पर महिलायें आम की फाकियां बनाकर इसमें गुड़ मिलाती है। फिर सभी को आम की फांकियां प्रसाद स्वरूप वितरित की जाती है। बस्तर मे ऐसी परंपरा है कि जब तक आम, महुआ या ईमली जैसे फलों के तोड़ने लिये ऐसे तिहार (त्यौहार) ना मना लिया जाये तब तक पेड़ो से इन फलों को तोड़ा नहीं जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि बिना पूजा किये फल तोड़ने से ग्राम देवता नाराज हो जायेंगे। म...