धान भंडारण

बस्तर में धान भंडारण का पात्र - ढोलगी कड़गी.....! बस्तर में आदिवासियों का बांस सबसे विश्वसनीय साथी है। जन्म से लेकर मृत्यु तक, खान-पान से लेकर रोजमर्रा की वस्तुओं में बांस की ही सबसे बड़ा योगदान जनजातीय समाज में देखने को मिलता है। बांस से नाना प्रकार उपयोगी वस्तुयें बनाई जाती है जिन्हे बस्तर के आदिवासी सदियों से उपयोग करते आ रहे है। धीरे प्लास्टिक एवं अन्य धातुओं के समान उपलब्ध होने के कारण बांस के समानों का उपयोग अब कम होता जा रहा है। प्लास्टिक के घुस पैठ के कारण बांस से बने बहुत से सामान अब विरले ही दिखाई देते है। बस्तर के आदिवासी अपने जीवन यापन के लिये वनोपज के अलावा कृषि पर भी निर्भर है। छोटे छोटे खेतों में धान उगाकर साल भर के लिये अपने भोजन का इंतजाम करते है। सामान्यतः अन्य जगहों में जब धान कटाई हो जाती है तो धान को बड़े बड़े बोरो में भरकर गोदामों में रखा जाता है। वहीं घर में धान का भंडारण करने के लिये प्लास्टिक के बड़े बड़े ड्रम का उपयोग किया जाता है। बस्तर में धान भंडारण करने की एक पुरानी पद्धति है जो अब कुछ गांवों में ही प्रचलित है। धर में धान रखने के लिये प्ला...