गरी खेल

धैर्य का खेल - गरी खेल.....! आज राष्ट्रीय मतस्य पालक दिवस है। 10 जुलाई 1957 को डॉ हीरालाल चौधरी और डॉ. के.एच. अलिकुन्ही ने भारत में मछलियों के उत्प्रेरित प्रजनन कार्यक्रम सफलता पूर्वक क्रियान्वित करवाया था। उसकी स्मृति में 2001 से प्रतिवर्ष 10 जुलाई को राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस के रूप में मनाया जाता है। मतस्यपालक दिवस पर आज मछली पकड़ने की सबसे आसान विधि गरी खेल पर चर्चा आवश्यक हो जाती है। नदी तालाबो के किनारे रहने वाले लोगों के मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन गरी खेलना होता है। गरी कोई छुपम छुपाई या पकड़म पकड़ाई का खेल नहीं है, गरी तो शतरंज की तरह चाल में फंसाने का खेल होता है। वास्तव में गरी खेलने का मतलब मछली पकड़ना होता है। गरी खेल में बांस की पतली सी लगभग 10 फीट की डंडी होती है। इस डंडी के एक सिरे पर नायलान का पतला धागा बांधा जाता है। जो लगभग 10 फीट से भी ज्यादा लंबा होता है। इसे धागे में मछली को पकड़ने के लिये लोहे का कांटा होता है। कांटे में केंचुये को चारे के रूप में फंसा कर लगाया जाता है। किस्मत अच्छी हुई तो बहुत सी मछलियां पकड़ में आ जाती है। गरी खेलने में अलग ही आनंद है। बस्तर में नदी ...