बस्तर की पहचान - तूम्बा

बस्तर में प्रकृति का दिया अनमोल उपहार - तुम्बा बस्तर में आदिवासियो के जीवन में प्रकृति का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है ,यूँ कहै की प्रकृति की दी हुए चीजो के बिना घने जंगलो में जीना बिलकुल भी आसान नहीं है. पहले आदिवासियो के खाना पीेना , रहना , जीवन में उपयोगी वस्तुये सब जंगलो से ही प्राप्त होता रहा है. आज मनुष्य ने बहुत तरक्की कर ली है ज़िससे रोजमर्रा की वस्तुओ के लिये ,वह अब प्रकृति पर ज्यादा निर्भर नहीं है. अब दैनिक उपयोगी वस्तुये स्टील , प्लास्टिक से ही बनने लगी है. बस्तर की आदिम संस्कृति में आदिवासियो के जीवन जीने के तौर तरीको में आज भी बाहरी दुनिया में एक अजीब सा आकर्षण है. इनकी दैनिक उपयोगी वस्तुये आज भी प्रकृति प्रदत्त है. इनके दैनिक उपयोगी वस्तुये भी आज भी शहरी लोगो के लिये कौतुहल का विषय है. यहां आदिवासियो को भगवान ने गजब की शक्ति दी है ज़िसके कारण ये प्रकृति की हर चीज का सही उपयोग कर पाते है. आदिवासियो में दैनिक उपयोग की एक महत्वपूर्ण वस्तु है ज़िसे यहां स्थानीय बोली में तुम्बा या बोरका कहा जाता है. बोरका प्रकृति के द्वारा दिया गया सबसे महत्व...