बस्तर में हाथी

हाथी की पाती....! आज विश्व हाथी दिवस पर हाथी की चर्चा आवश्यक हो जाती है. धरती पर सबसे बड़ा स्तनपायी जीव हाथी है. शुरु से ही इंसानो ने हाथी को पालतु बना लिया था. हाथी का यदि पौराणिक महत्व देखे तो यह हम सभी को मालूम है कि भगवान गणेश हाथी के सिर के कारण वे गजानन कहलाये. इन्द्र का वाहन एरावत हाथी था. देवी लक्ष्मी पर घडो से अमृत उडेलते हाथी ऐसे शिल्पांकन आज भी मन्दिरो या चित्रो में देखने को मिलते है. सफ़ेद हाथी भी होते हैं जिसे बेहद शुभ माना गया है. आज छत्तीसगढ़ हाथी प्रदेश हो गय ा है. झारखंड एवं ओडिसा के हाथियो ने छत्तीसगढ़ मे अपना स्थायी डेरा जमा लिया. आये दिन हाथियो द्वारा घरो को तोड़ने एवं इंसानो को कुचलने की खबर आती रहती है. करंट या अन्य तरिके से हाथियो के मरने की भी खबरे आती है. दोनो के लिये यह स्थिति भयावह है इसका स्थायी समाधान आवश्यक है. छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र के विपरित यहाँ दक्षिण मे बस्तर मे हाथी नहीं है. ओडिशा के हाथी पडोसी बस्तर के जंगलो मे लहराते लाल झंडो को पहचानते है इसलिये उन्होने बस्तर की तरफ़ रुख नहीं किया. एक समय था जब बस्तर मे हाथी पाये जाते थे. यहाँ के बहुत से ऐतिहास...