मगरमच्छ
इंद्रावती के मगरमच्छ.....! जैसे जैसे इंसानों की आबादी बढ़ रही है वैसे वैसे वनों का रकबा घटता जा रहा है जिसके कारण कई जंगली जानवरों के अस्तित्व ही खत्म हो गया है। वनों की तरह नदियां भी प्रदुषित हो गई है जिसके कारण कई जलीय जीवों की पुरी प्रजाति ही दुर्लभ हो ग ई है। बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती में भी कई दुर्लभ जलीय जीवों का रहवास है। यह नदी मगरमच्छों के रहवास के लिये बेहद ही आदर्श नदी है। आज भी इंद्रावती में मगरमच्छ पाये जाते है। ठंड के दिनों में ये मगरमच्छ नदी के मध्य बने रेत के टीलों में आराम करते हुये दिखाई पड़ते है। इंद्रावती ओडिसा के कालाहांडी से निकल कर बस्तर में प्रवेश करती है। बस्तर में घने जंगलों से बहते हुये महाराष्ट्र सीमा लगे भोपालपटनम से कुछ दुर ही भद्रकाली के पास गोदावरी में विलीन हो जाती है। इंद्रावती घने जंगलों से होकर बहती है जिसके कारण मगरमच्छों का इंसानों से संपर्क कम ही हो पाता है। इंद्रावती तट के कई ग्रामों में कभी कभी मगरमच्छ नदी के मध्य बने रेतीले टीलों पर आराम करते दिखाई पड़ते है। नदी तट के कई गांवों के पास इंद्रावती के मगरमच्छ तो ग्रामीणों स...