सुबई जैन मंदिर
बस्तर में जैन धर्म......! बस्तर में राजभूषण महाराज सोमेश्वर देव (1069 ई से 1110 ई) ने चक्रकोट राज्य में जैन धर्म संरक्षण प्रदान किया था। तत्कालीन समय के चक्रकोट राज्य मेंजैन साधु निवास करते थे। छिंदक नाग राजाओं ने बस्तर में पारसनाथ, नेमिनाथ, आदिनाथ आदि जैन तीर्थंकरों की बहुत सी प्रतिमायें बनवायी थी। कुरूषपाल, बारसूर, नारायणपाल, बोदरा आदि स्थानों में आज भी ये प्रतिमायें देखने को मिलती है। बस्तर के आसपास ओडिसा क्षेत्र में खारवेल के समय से ही जैन धर्म का प्रभाव स्थापित हो गया थ ा परन्तु बस्तर में सिर्फ नागवंशी शासक सोमेश्वर देव ने जैन धर्म को संरक्षण प्रदान किया था। ग्यारहवी सदी से पूर्व की जैन धर्म की कोई भी प्रतिमा या अवशेष बस्तर में प्राप्त नहीं होते है। सोमेश्वरदेव का राज्य कोरापुट एवं जयपोर से आगे तक विस्तृत था। इस क्षेत्र में उसके सामंत चंद्रादित्य का शासन था। इस क्षेत्र में पूर्व से प्रचलित जैन धर्म को सोमेश्वरदेव ने भरपूर संरक्षण एवं सहयोग दिया था। बस्तर के पास जयपोर - कोरापुट क्षेत्र में जैन तीर्थंकरों की पुरानी प्रतिमा एवं जिनालय आज भी सुरक्षित अवस्था मे मिलते है। जयपोर से आगे अ...