तुपकी

तुपकी से भगवान जगन्नाथ को सलामी.........! बस्तर में भगवान जगन्नाथ के सम्मान में प्रतिवर्ष गोंचा त्यौहार बड़े धुमधाम से मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था के इस महापर्व में आदिवासी जनता भगवान को सलामी देने के लिये जिस उपकरण का उपयोग करती है उसे तुपकी कहते है। गोंचा महापर्व में आकर्षण का सबसे बड़ा केन्द्र तुपकी होती है। विगत छः सौ साल से तुपकी से सलामी देने की परंपरा बस्तर में प्रचलित है।तुपकी बांस से बनी एक खिलौना बंदुक है। तुपकी में पौन हाथ लंबी बांस की एक पतली नली होती है। यह दोनो ओर से खुली होती है। इसका धेरा सवा इंच का होता है। नली में प्रवेश कराने के लिये बांस का ही एक मूंठदार राड होता है। लंबी नली के छेद से गोली राड के द्वारा प्रवेश करायी जाती है। नली का अगला रास्ता पहली गोली से बंद हो जाता है। जब दुसरी गोली राड के धक्के से भीतर जाती है और हवा का दबाव पड़ते ही पहली गोली आवाज के साथ बाहर निकल भागती है। मटर के दाने के आकार का फल इस तुपकी में गोली का काम करता है। इस फल को पेंग कहा जाता है। ये जंगली फल होते है जो मालकागिनी नाम की लता में लगते है। मलकागिनी के फलों को तुपकी में गो...