कंघी

आदिवासियों का श्रृंगार है - कंघी.......! कंघी से हम सभी परिचित है। बाल संवारने के लिये हम सभी कंघी का उपयोग करते है। प्लास्टिक से बने हुये तरह तरह के कंघे कंघियां बाजारों मे उपलब्ध है और हमारो घरों में भी। बस्तर के आदिवासियों को कंघी से कुछ ज्यादा ही लगाव देखने को मिलता है। वैसे यह लगाव हर उस व्यक्ति को होता है जो अपने बालों के प्रति अधिक मोह रखता है इस कारण लोग जेब में भी छोटी कंघी रखते है। बस्तर में महिलायें और पुरूष दोनों ही बांस से बनी कंधी का ही उपयोग करते आ रहे है। आजकल बांस से बनी कंघी उपलब्ध ना होने के कारण प्लास्टिक की कंघी का ही उपयोग करते है। कंघी केश सज्जा के काम तो आती ही परन्तु बस्तर में महिला एवं पुरूषों दोनों के श्रृंगार में कंघी का स्थान महत्वपूर्ण है। कंधी स्त्री पुरूष दोनों के बालों की शोभा बढ़ाती है। लंबे केश रखने वाली आदिवासी महिलायें अपने बालों में कंघी को हरदम खोंस कर रखती है। बालों के जुड़े में एक दो या कभी कभी तीन छोटी छोटी कंघी खोसी हुई जरूर दिखाई पड़ती है। बांस की कंघियों का स्थान अब प्लास्टिक की कंघी ने ले लिया है। फैशन की हव...