सीताफल
सबका पसंदीदा - सीताफल.......! बस्तर में सीताफल बहुतायत में मिलता है। यहां के जंगलों में सीताफल के छोटे पेड़ हर जगह देखने को मिलते है। पतली डालियां युक्त सीताफल का छोटा सा पेड़ हर ग्रामीण के बाड़ी में जरूर दिखता है। दंडकारण्य के जंगलों में भगवान राम ने अपने वनवास के चैदह साल बिताये है। वनवास के दौरान भगवान राम सिर्फ कंदमूल और फल ही खाते थे। यहां बस्तर में ऐसी मान्यताये भी सुनने को मिलती है भगवान राम को जो फल पसंद था वो रामफल कहलाया और माता सीता का पसंदीदा फल सीताफल कहलाया। सीताफल लगभग सभी को पसंद आता है। हरे रंग के आवरण के अंदर सफेद रंग पल्प होती है जो काले बीजों पर लगी होती है। उस पल्प का स्वाद बेहद ही मीठा होता है। सीताफल को सरीफा भी कहते है। ठंड के मौसम इसकी बंपर आवक होती है। इधर ठंड चालू होती है और बाजारों मे सीताफल आने चाले हो जाते है। सीताफल के अधिक सेवन से सर्दी होना तय है। सीताफल शुगर गठिया एवं ह्दय रोगों के उपचार के लिये प्रमुख औषधि का भी कार्य करता है। सीताफल अधिक दिनों तक रखने से खराब हो जाता है। सीताफल के पल्प से बनी आईसक्रीम बड़ी अच्छी लगती है। इस बार बस्...