चितावरी देवी मन्दिर, धोबनी

चितावरी देवी मन्दिर, धोबनी

ईंटो से बना ताराकृति का प्रमुख मंदिर
ओम सोनी

रायपुर बिलासपुर मार्ग में दामाखेडा ग्राम से बाये तरफ अन्दर की ओर, दो किलो मीटर की दुरी पर धोबनी नामक ग्राम स्थित है. इस ग्राम के मध्य में तालाब के किनारे एक विशाल प्राचीन मंदिर अवस्थित है. यह मंदिर पश्चिमाभिमुख है जो कि मूलतः भगवान शिव को समर्पित है।  मंदिर लगभग दो फीट ऊँचे चबुतरे पर निर्मित है। मन्दिर का नीचे का हिस्सा पत्थरों से बना है।




    
शिखर वाला भाग ईंटो से निर्मित है. शिखर में आमलक एवं कलश नहीं है. मन्दिर का गर्भगृह वर्गाकार है. शिखर का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के कारण सीमेंट की ढ़लाई कर ज़ीर्णोद्धार किया गया है. गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है. शिवलिंग के बीच में दरार पड़ी हुयी है, जो कि सिन्दुर से पुता हुआ है. स्थानीय ग्रामवासी शिवलिंग चितावरी देवी के नाम से पूजा करते है इसलिये इस मन्दिर को चितावरी देवी के मन्दिर के नाम से जाना जाता है।

 गर्भगृह का नीचे का हिस्सा लाल बलुआ पत्थरो से बना है.ऊपर का पुरा हिस्सा लाल पकी ईंटो से बना है. यह मन्दिर तारे की आकृति में निर्मित है. मन्दिर के बाहरी दिवारो पर चैत्य गवाक्ष , व्याल अंकन किया गया है। मन्दिर के बांयी तरफ बाहरी दिवार में दरवाजे की आकृति निर्मित है 


जिसमे दांये पल्ले में एक नायिका को झांकते हुए बहुत ही आकर्षक रूप से दर्शाया गया है. उसी प्रकार दुसरे तरफ के दरवाजे में दाये पल्ले में एक नायिका कमल की कली पकड़े हुए खडी है। दाये हाथ के नीचे एक पुरूष प्रतिमा बैठी हूई प्रदर्शित है।

इसी तरह बहुत से चैत्य गवाक्षो एवं व्याल अंकन भी किया गया है। यह मन्दिर पूर्णतः सुरक्षित अवस्था में है। छ0ग0 में ईंटो से निर्मित तारा आकृति के मन्दिरो में यह मंदिर प्रमुख है। स्थापत्यकला के आधार पर इतिहासकार इसे सोम वंशी काल में 9 वी सदी में निर्मित मानते है। 


Comments

Popular posts from this blog

कंघी

कर्णेश्वर मंदिर सिहावा

सातधार जलप्रपात Satdhar Watefall Barsur