मयूर की तरह मोहक - मयूरा घुमर
मयूर की तरह मोहक - मयूरा घुमर
बस्तर में पग पग पर सुंदर दृश्य दिखायी पड़ते है। बस्तर में घुमना मतलब स्वर्ग में घुमने के समान है। हर तरफ मनमोहक दृश्य दिखायी पड़ते है जो मन को नयी उर्जा एवं आनंद से लबरेज कर देते है। बस्तर दंडकारण्य के पठार पर बसा हुआ है। पठारी धरती होने के कारण मीलो दुर तक जंगल ही जंगल है और पठारी सीमा खत्म होने वाली जगहों पर बेहद ही खुबसुरत जलप्रपात बने हुये है। इन जलप्रपातों के आनंदित कर देने वाले मनमोहनी दृश्य ही बस्तर को स्वर्ग बनाते है।
बस्तर चित्रकोट जलप्रपात , तीरथगढ़ जलप्रपात आज भारत ही नहीं बल्कि विश्व के प्रमुख झरनो में से एक है. इसके साथ ही बस्तर में ऐसे और भी सुन्दर और मनोहारी झरने है जो की माओवादी दहशत एवं उचित प्रचार प्रसार ना होने के कारण आज भी गुमनामी में है। चित्रकोट जलप्रपात के पास ही तामड़ा घुमर नाम का बेहद ही खुबसूरत झरना है जिसकी मधुर ध्वनि मारडूम घाटी में गुंजती रहती है।
चित्रकोट से बारसूर जाने वाले मार्ग में मारडूम के पास ही पठारी भूमि खत्म होती है। मुख्य सड़क से ही नीचे की हरी भरी वादियां दिखने लगती है। इन खाईयों में ही दो झरने बने हुये है एक तो सामने दिखाई देता है -मेंदरी घुमर और दुसरा तामड़ा घुमर जो कि मुख्य सड़क से 03 किलोमीटर अंदर की ओर है।
तामड़ा घुमर में तामड़ा का अर्थ है मोर और धुमर का अर्थ है झरना। अर्थात झरने के आसपास मोरो की अधिकता है जिसके कारण इसे मयूरा जलप्रपात कहा जाता है। एक छोटा नाला लगभग १०० फ़ीट की ऊंचाई से गिर कर मनमोहक झरने का निर्माण करता है.
शहर की भागमभाग जिंदगी से दूर इस झरने की कल कल आवाज और यहाँ के सुन्दर नज़ारे मन को आनंद से प्रफुल्लित कर देते है। सारी थकान और चिंताये झरने की मधुर ध्वनि मे कहीं खो जाती है। सारी परेशानियां झरने के पानी के साथ बह जाती है।
जुलाई से लेकर फरवरी तक इस झरने के खूबसूरती को निहार सकते हो। चित्रकोट जलप्रपात आये हुए पर्यटक नारायणपाल मंदिर, मेंदरी घूमर , और तामड़ा घूमर के भी पर्यटन का आनंद ले सकते है। जगदलपुर से आप निजी वाहन से किसी जानकार व्यक्ति के साथ यहाँ आसानी से पहुंच सकते है.
........ओम सोनी
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