वामन विष्णु

वामन विष्णु बौने विष्णु....!

बस्तर में एक गाँव में मुझे भगवान विष्णु के बौने स्वरूप अर्थात वामन विष्णु की यह प्रतिमा देखने को मिली है। वामन अवतार का नाम सुनते ही यह कथा याद आ जाती है कि भगवान विष्णु ने वामन रूप धर कर राजा बलि से तीन पग जमीन मांगी थी। वामन अवतार के नाम सुनते ही मन मस्तिष्क में छाता और कंमडल लिये हुये भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा वाली छवि घुमने लगती है। 


लेकिन यह प्रतिमा उस छवि से काफी भिन्न है। ओम सोनी दंतेवाड़ा कहते है कि देखने में तो विष्णु की यह आम प्रतिमाओं जैसे ही है, परन्तु गौर से देखने पर इस प्रतिमा में भगवान विष्णु को बौने के स्वरूप में प्रदर्शित किया गया है। यह प्रतिमा बीच से खंडित हो चुकी है। इसमें भी विष्णु की अन्य प्रतिमाओं की तरह ही आयुधों का अंकन है। चतुर्भुजी विष्णु के हाथों में क्रमशः शंख , चक्र , गदा का अंकन हैं , प्रतिमा का एक हाथ खण्डित है। सिर पर किरीटमुकुट , कानो में कुण्डल, गले में हार वन माला, कमर में मेखला एवं पैरों में  का अंकन है। साथ में वाहन गरूड़ भी बैठे हुये है। यह इस प्रकार की बौने स्वरूप में भगवान विष्णु की यह प्रतिमा बेहद ही दुर्लभ है। इस प्रतिमा का निर्माण काल छिंदक नाग राजाओं के शासन अवधि में लगभग 11 वी सदी के अंतिम में होना चाहिये। 

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