मुरिया दरबार
मुरिया दरबार .....!
बस्तर का दशहरा विश्व का सबसे लम्बा चलने वाला दशहरा है. कुल 75 दिनो का बस्तर दशहरा अपने विभिन्न आदिम रिवाजो एवं रथय़ात्रा के लिये विश्व भर में प्रसिद्ध है. इस बस्तर दशहरे मे एक बेहद ही रोचक कार्यक्रम का आयोजन होता है। यह कार्यक्रम मुरिया दरबार के नाम से जाना जाता है। आश्विन शुक्ल द्वादश के दिन काछिन जात्रा के बाद सायं को जगदलपुर के सिरासार भवन मे मुरिया दरबार का आयोजन होता है।
मुरिया दरबार मे बस्तर के राजा एवँ प्रजा के बीच विचारो का आदान प्रदान होता था . बस्तर के प्रत्येक माँझी चालकी अपने क्षेत्र की समस्याओ को राजा के सम्मुख रखते थे. समस्याओ एवँ शिकायतो के निवारण हेतु खुली चर्चाये होती थी. यह मुरिया दरबार बस्तर का प्रमुख आकर्षण है ज़िसमे प्रजातंत्र को प्रोत्साहित किया जाता था. बस्तर मे भले ही आदिवासी किसी भी समाज का ही क्यो ना हो सब के लिये मुरिया शब्द का ही प्रयोग प्रचलित है. यह एक तरह से बस्तर की पहचान है.इसीलिये इस आयोजन को आदिवासी दरबार ना कहकर मुरिया दरबार के नाम से ही जाना जाता है।
मुरिया दरबार का आयोजन 1876 से प्रारम्भ हुआ है. उस समय बस्तर के राजा भैरमदेव थे. इन्होने 1853 ई से 1891 ई तक बस्तर की सत्ता संभाली. इनके शासन काल मे 1876 मे बस्तर के आदिवासियो ने जबरदस्त विद्रोह किया जो बस्तर के इतिहास मे मुरिया विद्रोह के नाम से जाना जाता है। बस्तर भी अंग्रेजी हुकुमत के अधीन था.
बस्तर का मुक्तिसंग्राम मे हीरालाल शुक्ल ने पहले मुरिया दरबार के आयोजन के बारे लिखा है. 1876 के मुरिया विद्रोह के देखते हुए उस समय सिरोंचा के डिप्टी कमिश्नर मैकजार्ज ने राजा एवँ प्रजा मे मेल कराने के लिये 8 मार्च 1876 को जगदलपुर मे पहले मुरिया दरबार का आयोजन किया था. इस प्रकार मुरिया दरबार का सुत्रपात हुआ , बाद में मुरिया दरबार का यह आयोजन बस्तर के दशहरे का प्रमुख एवँ सार्थक प्रजातांत्रिक आकर्षण बन गई. तब से अब तक प्रत्येक दशहरे मे मुरिया दरबार का आयोजन किया जाता है।
प्रस्तुत तस्वीर मुरिया दरबार की है ज़िसमे बस्तर के वर्तमान युवा महाराजा कमलचन्द्र भंजदेव जी मुरिया दरबार में विराजित है. 1947 के बाद से राजा के साथ जनप्रतिनिधि भी मुरिया दरबार में शामिल होते आ रहे है। 1966 ई में बस्तर के महाराजा प्रवीरचंद्र भंजेदव की हत्या के बाद से राजपरिवार के सदस्य मुरिया दरबार में सम्मिलित नहीं होते थे। वर्ष 2015 से कमलचंद्र भंजदेव मुरिया दरबार में शामिल हो रहे है। महराज कमलचन्द्र भंजदेव राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष है. बेहद ही मृदुभाषी एवँ युवाओ के आदर्श एवँ प्रेरणाश्रोत है.
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