टेमरा
गोबर थोपने की अनोखी रस्म.........!
बस्तर के चित्रकोट क्षेत्र के गांवो में कम वर्षा होने पर या खंड वर्षा होने पर स्थानीय निवासियों द्वारा एक अनोखी रस्म निभायी जाती है। इस रस्म के तहत गांव में भीमा-भीमीन के काष्ठ प्रतिमा पर गोबर थोपा जाता है। यह परंपरा ग्रामीण सदियों से निभाते आ रहे है। जब भी कम वर्षा होती है जिसके कारण धान रोपाई नहीं हो पाती तब भगवान से वर्षा के लिये इस प्रकार की विनती की जाती है।
चित्रकोट के पास नाग युगीन टेमरा गांव है। इस गांव के तालाब के पास गणेश जी के 4 फीट उंची प्रतिमा स्थापित है। टेमरा के निवासी भी बरसात के मौसम में जब भी कम वर्षा होती है तब गणेशजी को पुरी तरह से गोबर से लीप देते है। गोबर गणेश करने की प्रथा के पीछे तर्क है कि गणेश जी एवं भीमा भीमीन देव अपने तन पर लगे गोबर को साफ करने के लिये घनघोर वर्षा करायेगे, जिससे खेती के लिये पर्याप्त वर्षा भी हो जायेगी।
मुझे कुछ दिनों पहले ही टेमरा की गणेश प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ है। हजार साल पुरानी यह प्रतिमा जब भी वर्षा नहीं होती है तो इसी तरह गोबर से लीपी जाती है और हर साल तेज बरसात से यह पुनः साफ सुथरी हो जाती है। हालांकि ऐसे अवसर बेहद ही कम आये है और इस साल ऐसी उम्मीद है कि गणेश जी पर गोबर थोपने का नौबत नहीं आयेगी.............गणेश भगवान की जय ।
...............ओम!
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