टोरा
टोरा के फायदे.....!
बस्तर में महुआ एक ऐसा वृक्ष है जिससे आदिवासियों को दो बार फायदा होता है। पहला तो महुये के फूल से। महुये के फूल को बाजार में बेचते है या उनसे शराब बनाकर बेची जाती है जिससे प्राप्त शुद्ध आय सीधे उनके जेब में जाती है। महुये के फूल के बाद दुसरा लाभ होता है इसके फल से। मई जून माह में महुये के वृक्ष फलों से लद जाते है यहां स्थानीय भाषा में इन फलो को टोरा कहा जाता है।
टोरा फल के उपर लगी गुदा से सब्जी भी बनायी जाती है। बड़े बड़े बीजों को सूखा लिया जाता है। उन्हे फोड़कर बीजों की गिरी को रख लिया जाता है। कस्बों के हालर मिलों में उन बीजो से तेल निकलवाया जाता है। टोरा का तेल खाने में , हाथ पैर सिर में लगाने के लिये, दिये जलाने में उपयोग में लाया जाता है। हम दीपावली में दिये टोरे के तेल से जलाते है काफी देर तक दिये जलते है। ठंड के दिनों में टोरे का तेल हाथ पैरो में लगाने से त्वचा को शुष्क होने से बचाता है।
तेल निकालने के बाद टोरा का बचा हुआ अवशेष काली बर्फी के समान हो जाता है। जिसे खली कहते है। खली जलाने से मच्छर दुर भागते है। शायद यह टोरे के तेल का कमाल है कि बस्तर में आदिवासियों के बाल कभी सफेद नहीं होते है। गाय भैंस भी टोरे फल को बड़े चाव से खाते है। मैने तो टोरे का उपयोग बता दिया कुछ तो आप भी बताईये और क्या काम आता है टोरा ? अधिक से अधिक शेयर करो मित्रो ।
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