चर्रे मर्रे झरना
अंतागढ़ का चर्रे मर्रे झरना..............!
बस्तर में हर जगह झरने ही झरने है। बस इन्हे खोजने वाला साहसी पर्यटक की जरूरत है। बस्तर के सातों जिले में कई झरने है। जगदलपुर में चित्रकोट तीरथगढ़ तो दंतेवाड़ा में हांदावाड़ा, फूलपाड़ जैसे बड़े झरने है।
नारायणपुर जहां अपनी अबूझमाड़ियां संस्कृति के लिये विश्व भर में प्रसिद्ध है वहीं नारायणपुर प्राकृतिक दृश्यों से भी संपन्न है। नारायणपुर में कई झरने है जो आज भी पर्यटकों की नजरों से ओझल है।
नारायणपुर के प्रसिद्ध जलप्रपातों में एक है चर्रे मर्रे जलप्रपात। चर्रे मर्रे नारायणपुर जिले के अंतागढ़-आमाबेड़ा वनमार्ग पर पिंजारिन घाटी में स्थित है ।इस जलप्रपात की खासियत ये है कि यहां का कलकल करता झरना पर्यटकों को साल भर आकर्षित करता है।
उत्तर पश्चिम दिशा में जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में एकत्रित होकर दक्षिण दिशा में लंबा फासला तय कर कोटरी नदी में मिलता है.
चर्रे मर्रे का सुन्दर झरना कांकेर में अन्तागढ़ से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। आमाबेड़ा के रास्ते पर एक चर्रे मर्रे नाम का स्थान पड़ता है। यह झरना जोगीधारा नदी पर बनता है। इस झरने की ऊँचाई लगभग 20 मीटर है।
यह झरना ज्यादा उंचा तो नही है परन्तु उबड खाबड चटटानों से नदी का गिरता पानी मनमोह लेता है। आसपास की हरितिमा नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत करती है। यह प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी है। जुलाई से लेकर फरवरी माह तक चर्रे मर्रे झरने के सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।
कांकेर से सड़क मार्ग से कुल 85 किलोमीटर दुरी पर है। नीजि वाहन से यहां पहुंचा जा सकता है।
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