बस्तर का बोड़ा Bastar Ka Boda

बस्तर का बोड़ा

बस्‍तर  के जंगलों में मिलने वाला बोड़ा की सब्जी खाने के लिए मानसून आने का इंतजार करते है यहां के लोग
- Om Soni


आज पुरा भारत जहां मानसून के फुहारों में सराबोर हैं वहीं बस्‍तर में लोगों के चेहरों पर मानसून आने के बाद एक अलग खुशी नजर आती  है और वह खुशी है एक ऐसी सब्‍जी, जिसे खाने के लिये सालभर लोग मानसून आने का इंतजार करते है. मानसुन के शुरूआती दिनों मे, बस्‍तर के जंगलो में ,जमीन के अंदर से गांठ नुमा ,छोटे छोटे आलु ,की तरह एक विशेष प्रकार का जंगली खादय  मिलता है जिसे यहां बोडा के नाम से जाना जाता है. बोडा की सब्‍जी बेहद ही लोकप्रिय एवं स्‍वादिष्‍ट होती है.बाजार में बोडा आते ही लोग खरीदने के  लिये टूट पड़ते  है.बोडा में खनिज लवण एवं काबोहाईड्रेट भरपुर मात्रा  में होता है.



बस्‍तर को सालवनों का द्वीप कहा जाता है. साल के पेडो के नीचे जमीन में बोडा का अपने आप प्रक़ति द्वारा उत्‍पादन होता है. बारिश की कुछ बुंदो के बाद जब हल्‍की सी धुप पडती है तब इन साल के पेडो के नीचे जमीन में हल्‍की दरारे पड जाती है इन दरारों को खोदकर यहां के स्‍थानीय लोग जमीन से बोडा को इकटठा कर बाजार में बेचने के लिये लाते है. यूं तो पुरे बस्‍तर में बोडा मिलता है परन्‍तु बस्‍तर में कोंडागांव के आसपास सर्वाधिक बोडा का उत्‍पादन होता है

शुरूआती आवक होने पर इसकी कीमत अत्‍यधिक होती है. प्रति पायली पांच सौ से छ सौ रू एवं चोली 150 रू से 200 रू एवं किलो में प्रतिकिलो 500 रू तक के दाम में बोडा बिकता है.धीरे धीरे अधिक आवक होने पर बोडा के दाम कम होते जाते है.

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