हरिहर प्रतिमा
हरिहर प्रतिमा - चंद्रादित्य मंदिर बारसूर
ओम सोनी
बारसूर में चंद्रादित्य मंदिर बाजार स्थल में विशाल तालाब के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। गर्भगृह के प्रवेशद्वार के ललाटबिंब पर भगवान हरिहर की प्रतिमा अंकित है। पुरे छत्तीसगढ़ में एक मात्र यही मंदिर है जिसके प्रवेशद्वार पर हरिहर की प्रतिमा स्थापित है। हिन्दु धर्म में विष्णु (हरि) तथा शिव (हर) का सम्मिलित रूप हरिहर कहलाता है। इनको शंकरनारायण तथा शिवकेशव भी कहते है। विष्णु तथा शिव दोनों का सम्मिलित रूप होने के कारण हरिहर वैष्णव और शैव दोनो के लिये पूज्य है।
शिव और विष्णु ने अपनी एकरूपता दर्शाने के लिये ही हरिहर रूप धरा था, जिसमें एक हिस्सा विष्णु और दुसरा हिस्सा शिव का है। हरिहर की यह प्रतिमा समभंग मुद्रा में है। प्रतिमा में दाये तरफ सिर पर जटामुकुट और कानों में सर्पकुंडल धारण किये हुये है। बायें तरफ सिर पर किरीट मुकुट का अंकन किया गया है। यह प्रतिमा चर्तुभुजी है जिसमें विभिन्न आयुध सुशोभित है। दायें तरफ त्रिशुल और वरद मुद्रा में प्रदर्शित है।
वहीं बायें हाथ में चक्र और शंख धारण किये हुये है। प्रतिमा में दायें तरफ नंदी और बांये तरफ अंजलिमुद्रा में गरूड़ बैठे हुये अंकित किये गये है। यह प्रतिमा शिल्पशास्त्र विष्णुधर्मोत्तर पुराण में दिये हुये मानकों के आधार पर बनी हुयी है।
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