चित्रो की प्रयोगशाला - बस्तर के मृतक स्तंभ
चित्रो की प्रयोगशाला - बस्तर के मृतक स्तंभ.....! विविध क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाने के कारण बस्तर की आदिम संस्कृति का अपना विशिष्ट स्थान है। कला के क्षेत्र में भी बस्तर की जनजाति संस्कृति अग्रणी है। चित्रकला के क्षेत्र में अद्वितीय चित्रकारी हमें बस्तर में देखने को मिलती है। बस्तर के जनजाति समाज में लोक अवसरों पर चित्रकारी के विभिन्न रूप दिखायी देते है। धर की दिवारे , आंगन या फिर मृतक स्तंभ इन सभी पर बस्तर की चित्रकला के अदभुत दृश्यों की चित्रकारी देखने को मिलती है। बस्तर के जनजाति समाज में किसी व्यक्ति के मरने पर उसके स्मृति मे स्तंभ गाड़ने की प्रथा रही है। ये स्तंभ बड़े पाषाण खंडो के मेनहीर, लकड़ी के स्तंभ या फिर शिलाओं के रूप में होते है। वर्तमान में दाह संस्कार या समाधि स्थल पर पतली सपाट शिलाओं को स्मृति स्तंभ के रूप में गाड़ा जाता है। इन स्तंभो पर रंग बिरंगी चित्रकारी यहां की सदियों पुरानी चित्रकला को प्रदर्शित करती है। बस्तर के कई स्थलों पर आदिमानव युग की चित्रकारी देखने को मिलती है। काष्ठ स्तंभों पर विभिन्न आकृतियां बनाई जाती थी। अब आधुनिक मृतक स्तंभों पर अव्वल दर्जे की च...