दारू भारा

दारू भारा से भविष्य .....!

भविष्य बताने वाले ज्योतिषी को जानते ही है , शायद ही आपने कभी सुना है कि किसी कीड़े से भविष्य की जानकारी मिलती है। यह कीड़ा बेहद ही छोटा होता है , अपनी सुरक्षा के लिये यह छोटी छोटी हलकी लकड़ियो का गठ्ठा बनाकर अपने चारो तरफ सुरक्षा आवरण तैयार कर लेता है. इसे बस्तर मे स्थानीय तौर पर दारू भारा के नाम से जाना जाता है। सामान्यतया दारू शराब का ही बोलचाली नाम है. परन्तु हलबी बोली मे दारू का मतलब लकड़ी होता है। दारू भारा मतलब लकड़ी का गठ्ठा.

बस्‍तर अंचल में भविष्यवक्ता को ''मेड़ागन्‍त्‍या'' कहा जाता है. मेड़ागंत्या लोक मान्यता के तहत होने वाले मौसम परिवर्तन या किसी अनिष्ट की सूचना अपने पारंपरिक ज्ञान, नक्षत्र, तारा या पशु पक्षियों के असाधारण हाव-भाव को महसूस कर भविष्य के बारे में अनुमान लगाते है। मेड़ागंत्या दारूभारा कीड़े पर लकड़ियो की संख्या के आधार पर बाढ़ का अनुमान लगाते है. तीन लकड़िया मतलब तीन बार बाढ़ आने की आशंका. मेड़ागंत्या का यह अनुमान कभी कभी सच भी साबित होता है.
यह दारूभारा कीड़ा जहरीला भी होता है। इस कीड़े को यदि किसी जानवर ने धोखे से खा लिय़ा तो इसमें पाए जाने वाले जहर के असर से जानवर का पेट फूलना शुरू हो जाता है और पांच मिनट के अंदर मुंह से झाग निकलना शुरू हो जाता है, तत्‍काल उसकी मृत्यु हो जाती है। इंसानो द्वारा आम तौर खाए जाने वाले शाक सब्‍जी भाजी में यदि दारू भारा के जहर का कुछ अंश रह जाता है तो उसके सेवन से भी इंसानो की तत्‍काल मृत्‍यु हो जाती है। 
यह जानकारी एवं चित्र मुझे हेमंत वैष्णव जी द्वारा प्राप्त हुई है. वैष्णव जी बस्तर के मशहुर रंगकर्मी है. उनका सादर आभार इस जानकारी के लिये. मैने इस दारू भारा को कई बार देखा परंतु भविष्यवाणी वाली जानकारी मालुम नहीं थी. हेमंत जी से मिली जानकारी बेहद नयी एवं रोचक है. धन्यवाद एवं ह्रदय से आभार हेमंत जी वैष्णव.

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