बुलाक नथ
चेहरे की नूर - बुलाक ........!
नथ सिर्फ नाक की ही नहीं वरन पुरे चेहरे की नूर होती है। महिलाओ में 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है। इन 16 श्रृंगारों में नाक में नथ पहनना एक प्रमुख श्रृंगार है। महिलाओं की नथ सामाजिक हैसियत की प्रतीक मानी जाती है। विभिन्न समाजो में महिलायें अलग अलग प्रकार की नथ पहनती है। बस्तर में आदिवासी महिलायें शंकुआकार की मोसोकुटा और गोल जालीदार नथ ही पहनती है। इसमें से मोसोकुटा अब चलन से बाहर होती जा रही है।
मध्य बस्तर में विशेषतः भतरा जनजाति की महिलायें मोसोकुटा नथ के साथ साथ एक विशेष तरह की बुलाक नथ भी पहनती है। नाक के दोनो नथुनों की बीच में से छेदकर बुलाक नथ पहनी जाती है। नाक के दोनो तरफ मोसोकुटा और बीच में बुलाक नथ पहनी आदिवासी महिलाये मध्य बस्तर में ही आपको देखने को मिलेगी। ये तीनों नथ किसी भी आदिवासी महिला के सौंदर्य को तीन गुना कर देती है। बुलाक नथ का चलन अब सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रो में ही है।
सामान्यतः बुलाक नथ सोने से बनी साधारण गोलाकार नथ ही होती है। बुलाक नथ में कोहिनूर हीरे की तरह चमकते हुये नग हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचते है। इटली के विली सैनसन एक पेशेवर फोटोग्राफर एवं टै्रवलर है। इन्होने अपने बस्तर प्रवास में शकील भाई के सहयोग एवं निर्देशन में यहां की आदिवासी संस्कृति को बहुत ही आकर्षक तस्वीरो में कैद किया है।
विली सैनसन द्वारा ली गई यह तस्वीर पूर्णत बुलाक नथ पर ही केन्द्रित है। बुलाक में जड़ा नग कोहिनूर हीरे की तरह चमक रहा है। इस बुलाक नथ के कारण सामान्य सा चेहरा भी बेहद सुंदर लग रहा है। बुलाक पुरे चेहरे में अपनी सुंदरता बिखेर रही है।
तस्वीर के अंदर का यह सामान्य सा चेहरा बुलाक के कारण बार बार अपनी ओर ध्यान खींच रहा है। विली सैनसन ने बेहद ही अच्छी तस्वीर ली है। इन्हे हृदय से धन्यवाद.........ओम ।
I am very Thank Full to Mr Willy Sanson for this charming Picture.
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