ब्रह्म कमल
दुर्लभ ब्रह्म कमल......!
हिमालय में पाये जाना वाला यह दुर्लभ पुष्प ब्रह्म कमल बेहद ही पवित्र फूल है। माना जाता है कि यह फूल साल में एक बार सिर्फ सावन मास में ही खिलता है।
यह फूल भगवान शिव का सबसे पसंदीदा फूल है। शिवभक्त इसे भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
इसे ब्रम्हमुहुर्त में ही भगवान शिव को अर्पित किया जाना बेहद ही शुभ माना जाता है। ब्रह्म कमल पौधे की पत्तियों में कली का रूप धारण कर खिलता है।
बस्तर में भी कुछ लोगों के घरो में ब्रह्म कमल का पौधा है जिसमें साल में सिर्फ सावन माह मे ही एक बार ब्रह्म कमल फूल खिलता है।
इस फूल की अन्य खासियत यह है कि सिर्फ रात को ही खिलता है। रात ढलते ही सुबह तक यह फूल मुरझा जाता है।
ब्रह्म कमल से जुड़ी बहुत सी पौराणिक मान्यताएं हैं जिनमें से एक के अनुसार जिस कमल पर सृष्टि के रचयिता स्वयं ब्रह्मा विराजमान हैं वही ब्रह्म कमल है इसी में से सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी।
इस कमल से संबंधित एक बहुत प्रचलित मान्यता कहती है कि जो भी व्यक्ति इस फूल को देख लेता है. उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है।
इसे खिलते हुए देखना भी आसान नहीं है क्योंकि यह देर रात में खिलता है और केवल कुछ ही घंटों तक रहता है। इस फूल की खुश्बु भी बहुत ही अच्छी होती है।
इसका वैज्ञानिक नाम Saussurea obvallata है। इसे क्वीन आफ द नाईट भी कहा जाता है।
---ओम!
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