पोन्दुम झरना

अनजाना बस्तर- पोन्दुम झरना......!


बस्तर की खोज कभी ना खत्म होने वाली खोज है। बस्तर को जितना जानने की कोशिश करेंगे उतनी नयी जानकारी पाओगे, जितना बस्तर में घुमोगे उतना ही बस्तर की अनजानी जगहों को देखने का मौका मिलेगा। बस्तर में प्रकृति ने झरनो, जंगलो, पुराने मंदिरों, रीति रिवाजों के साथ अपनी अनुपम छटा बिखेरी है। 



झरने तो बस्तर में अनगिनत है। इन झरनो ने बस्तर को दुनिया भर में मशहूर किया है। पर्यटकों में बस्तर के झरने देखने की ललक इतनी है कि वे हजारों किलोमीटर दुर से इन्हे देखने आते है। 

कुछ झरने आज मशहूर पर्यटन केन्द्र बन गये है और कुछ आज भी पर्यटकों की नजरों से ओझल है। ऐसा ही एक अनजाना सा झरना है पोन्दुम झरना। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से कटेकल्याण मार्ग पर 08 किलोमीटर की दुरी पोन्दुम नामक छोटा सा ग्राम है। 


इस गांव के बाहर ही मुख्य सड़क से दाये तरफ एक कच्चा मार्ग झरने की तरफ जाता है। सड़क से 10 मिनट की पैदल यात्रा के बाद झरने तक पहुंचा जा सकता है। मार्ग मे अत्यंत छोटी सी पहाड़ी है जहां से झरने की मधुर कल कल ध्वनि सुनाई देती है। 

यह झरना एक नाले पर है। इसकी उंचाई 50 से 60 फिट तक है। झरना आकार में भले ही थोड़ा छोटा है परन्तु यहां का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही मनमोहक है। उपर नीला आसमान, कल कल बहती धाराये, चारां तरफ फैली कुश की झाड़ियां ये दृश्य मन को आनंदित कर देते है।


यह पोन्दुम झरना पिकनिक के लिये आदर्श स्थल है। दंतेवाड़ा से सबसे पास पोन्दुम का झरना है जिसे पर्यटन केन्द्र के रूप  में विकसित किया जाना चाहिये। झरने तक जाने के लिये पक्की सड़क एवं जानकारी सूचक बोर्ड लगाये जाने चाहिये। इस पोन्दुम को दंतेवाड़ा के पर्यटन नक्शे में शामिल कर प्रमुखता से प्रचारित किया जाना चाहिये। जुलाई से लेकर मार्च तक इस झरने की खुबसूरती को बिना भय के निहारा जा सकता है.....ओम।

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