माटी तिहार
बस्तर का माटी तिहार ......! विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष .....!! बस्तर के जनजातीय समाज मे मिट्टी य़ा माटी (धरती) को भगवान माना जाता है, अपनी मां माना जाता है। धरती से मिलने वाली हर वस्तु को सबसे पहले माटी को समर्पित की जाती है। आदिवासी धरती के प्रति अपने ऋण को चुकाने के लिये , माटी के सम्मान मे उत्सव मनाता है. आज के दिन हम धरती दिवस मना रहे है इसलिये क्योकी बढ़ती जनसंख्या , अंधाधुंध वृक्षो की कटाई , धरती से प्राप्त संसाधनो का असीमित दोहन के कारण हमारी पृथ्वी विनाश की ओर अग्रसर हो रही है. पृथ्वी दिवस मनाकर हम धरती को विनाश से बचाने की मुहिम चला रहे है. बस्तर का जनजातीय समाज आज हजारो साल से धरती को विनाश से बचाने के लिये , माटी के प्रति अपने ऋण उतारने के लिये प्रतिवर्ष माटी तिहार मनाता है. माटी तिहार के अंतर्गत मार्च से लेकर जून तक धरती मां को समर्पित त्योहार मनाये ज़ाते है. जनजातीय समाजो मे आम महुआ ईमली आदि वनोपज को सबसे पहले अपने माटी देवी को अर्पित करने के बाद ही स्वयं के लिये उपयोग किया जाता है। माटी तिहार को बीज पूटनी य़ा बीज पंडुम भी कहा जाता है। माटी तिहार बड़े हर्षोल्लास के साथ म...